Everything about shiv chalisa in hindi
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
O shiv chalisa in hindi Superb Lord, consort of Parvati You're most merciful. You always bless the inadequate and pious devotees. Your lovely form is adorned with the moon on your forehead and on the ears are earrings of snakes’ Hood.
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।